सुकून ऐ जिंदगी ढूँढते रह जायेंगें ।
तेरे बिना जिए तो मर के रह जायेंगे ।
जब जुबाँ ऐ शायर कोई बात कहने जाए ,
हर एक अल्फाज़ के मायने ढूँढते रह जायेंगे।
एक बार सुबह जवान होने की कोशिश तो करे,
बादल यूँ ही आसमां में घुमते रह जायेंगे।
जब आखरी साँस कोई शख्स लेता है,
करीब वाले सब देखते रह जायेंगे।
कुछ ऐसी बातें जो दिल को छू जाएं , कुछ ऐसी बातें जो दिल से निकले, कुछ ऐसी ही बातें इस ब्लॉग में ग़ज़ल , नज्म और कविता के ज़रिये पेश करने की कोशिश की है। उम्मीद है पढने वालों को पसंद आएंगी।
July 2, 2008
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1 comment:
dard jo bharoge tum aapni shayari me itni shiddat se...
sun ne wale irshaad bhi na kah payenge... :)
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