October 29, 2009

ज़ोर

किसका ज़ोर चलता है किस का नसीब कितना है।
जब वो साथ हो तो फासला करीब कितना है।

कुछ लड़कपन की बातें , कुछ थोडी सी संगीन,
बात निकले तो एहसास अजीब कितना है।

मोहब्बत जुबान पे , दिल में दर्द जब रहे,
असलियत का बनावट से फर्क कितना है।

तुम्हारी याद आए तो मैखाने की तरफ़ चल दिए , ना आए तो भी मैखाने की तरफ़ चल दिए , ज़िंदगी गुज़र जायेगी इसी तरह , ये सोच कर ...