May 27, 2008

तेरी ख़बर

अगर किसी रोज़ तेरे आने की ख़बर आ जाए,

जिस्म बेजान भी हो तो वापिस ये जाँ आ जाए।

तेरे दीवाने ने तेरे दर से मोहब्बत कर ली,

जाए किसी जानिब भी मगर लौट के फिर आ जाए।

जितने पैगाम तुझे भेजे हैं तेरे आशिक ने,

उतनी मेहनत से खुदा ढूंदो, तो वो मिल जाए।

कितनी शिद्दत से तुझे याद किया जाता है,

कोई समझे तो ये पैगाम तुझे दे आए।

अब तो हर वक्त ऐ "मन"इसी दुआ में कटता है।

तू अगर आए तो एक बार नज़र आ जाए।

2 comments:

Rishabh Makrand said...

ok ok one..missing or improper words at some places..I believe..
जितने पैगाम तुझे भेजे हैं तेरे आशिक ने,
उतनी मेहनत से खुदा ढूंदो, तो वो "आ" जाए।
ki jagah "mil" jaye hona chahiye tha.. as "dhoondhna", "milna" goes together...

keep writing...

Mandeep said...

thanks makrand, appreciate it. i think " mil jaye " sounds better.

am changing it to "mil jaye"

तुम्हारी याद आए तो मैखाने की तरफ़ चल दिए , ना आए तो भी मैखाने की तरफ़ चल दिए , ज़िंदगी गुज़र जायेगी इसी तरह , ये सोच कर ...